20 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi
In my last blog on 19 Mukhi Rudraksha, I had discussed the procedure of wearing 19 Mukhi Rudraksha, also known as Narayana Rudraksha in our scriptures.
Today, I will discuss 20 Mukhi Rudraksha, also known as Brahma Swaroopa, which has been considered as a symbol of Lord Brahma.This Rudraksha is easily available in the market.
By wearing 20 Mukhi Rudraksha, there is progress in knowledge and devotion and the concentration of the mind of the seeker increases. Some scholars believe that wearing it, eye diseases get cured and eyesight also improves.
20 Mukhi Rudraksha is very popular among sadhus and it is mostly worn for attaining spiritual knowledge.
This Rudraksh is also considered a symbol of a faithful monk, and, The monks who are only the seekers of the path of devotion, more than the path of knowledge are mostly seen wearing 20 Mukhi Rudraksha.
20 Mukhi Rudraksha Mantra
Om Gyaam Gyneem Lam Am Aeim Shreem II
20 Mukhi Rudraksha Viniyoga
Asya Shri Bhargav Rishi Anusthupa Chhand, Vinayako Devta Shreem Beejam,
Am Shakti: Chaturvara Siddhayate Rudraksha Dharanathe Jaape Viniyoga
20 Mukhi Rudraksha Nyasa
Bhargav Rishay Namah Shirshi.
Anusthupa Chhandse Namo Mukhe.
Vinayako Devataye Namo Hadi.
Aeim Bijay Namo Guhe.
Shreem shaktiye namah padyo:
20 Mukhi Rudraksha Karanasa
Om Om Angusthabhyama Namah
Om Gyaanm tarjanibhyaam svaha:.
Om Gynim Madhyambhayam Vausht.
Om Lam Anamikabhayam Hum.
Om Am Kanishtabhyam Vaushat.
Om Aeim Kartal Kar Pusthabhyam Phat
20 Mukhi Rudraksha Ashtanga Nyas
Om Om Hyadaay Namah
Om Gyaanm Shirse Swaha.
Om Gynim Shikhye Vausht.
Om Lam Kavachaay Hum
Om Am Nettrarayaya Vaushat.
Om Shreem Astray Phat.
20 Mukhi Rudraksha Dhyana Mantra
हरतु कुल गणेशो विध्न संधान शेषान । नयतु सकल सम्पूर्णता साधकानां ।।
Harry Kul Ganesha Vidna Sandhaan I
Nayatu sakal sampoorna sadhakanaam II
Hope you liked today’s knowledge shared about ’20 Mukhi Rudraksha’ in the series on Rudraksh.
Your Sincerely,
२० मुखी रुद्राक्ष धारण करने के फायदे
२० मुखी रुद्राक्ष सरलता से बाजार में मिल जाता है । इस रुद्राक्ष को साक्षात ब्रह्माजी का प्रतीक माना गया है । इसको धारण करने से ज्ञान और भक्ति में उन्नति होती है और साधक के मन की एकाग्रता बढ़ जाती है । कुछ विद्वान का मानना है कि इसको धारण करने से नेत्र -रोग से मुक्ति मिलती है और इसके धारक की नेत्र ज्योति भी बढ़ती है।
२० मुखी रुद्राक्ष साधु-सन्यासियों में काफी प्रलचित है और इसको अधिकतर आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति के लिए धारण किया जाता है ।
यह २० मुखी रुद्राक्ष निष्ठावान साधु-मुनि धारण करते देखे जाते हैं जो ज्ञान मार्ग से अधिक रुद्राक्ष भक्ति मार्ग के साधक होते हैं ।
२० मुखी रुद्राक्ष मंत्र 20 Mukhi Rudraksha Mantra
ॐ ज्ञां ज्ञीं लं अं ऐं श्रीं ॥
२० मुखी रुद्राक्ष विनियोग
अस्य श्री भार्गक ऋषि अनुष्टुप
छन्द, विनायको देवता श्रीं बीजं ,
अं शक्ति: चतुर्वर्ग सिद्धयते रुद्राक्ष धारणार्थे जपे विनियोग:॥
२० मुखी रुद्राक्ष न्यास
भार्गव ऋषये नमः शिरषि ।
अनुष्टुप छन्दसे नमो मुखे ।
विनायक देवताये नमो हदि ।
ऐं बीजाय नमो गुहे ।
श्रीम शक्तये नमः पादयो: ॥
२० मुखी रुद्राक्ष करन्यास
ॐ ॐ अंगुष्ठाभ्याम नमः
ॐ ज्ञां तर्जनीभ्याम स्वाहा:।
ॐ ज्ञीं मध्याभ्याम वौषट।
ॐ लं अनामिकाभ्याम हुम्।
ॐ अं कनिष्ठाभ्याम वौषट।
ॐ ऐं करतल कर पुष्ठाभ्यां फट।
२० मुखी रुद्राक्ष अष्टांग न्यास
ॐ ॐ हृदयाय नमः ।
ॐ ज्ञां शिरसे स्वाहा ।
ॐ ज्ञीं शिखाये वौषट।
ॐ लं कवचाय हूँ ।
ॐ अं नेत्रत्रयाय वौषट।
ॐ श्रीं अस्त्राय फट ।
२० मुखी रुद्राक्ष ध्यान मंत्रम
हरतु कुल गणेशो विध्न संधान शेषान । नयतु सकल सम्पूर्णता साधकानां ।।
आशा करता हूँ कि आज का यह लेख – ‘२० मुखी रुद्राक्ष’ आपको ज्ञानवर्धक लगा होगा।
शिवदर्शन अभिलाषी,
नीरव हींगु
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