In my last blog on ‘Rudraksha’, I have discussed the procedure of wearing 6 Mukhi Rudraksha and briefed about the same.
In this blog, I will throw some light on 7 Mukhi Rudraksha.
This 7 Mukhi Rudraksha is considered a symbol of Sapta Matrikaye (7 Goddess in Hinduism). This 7 Mukhi Rudraksha is considered very useful from a physical point of view and in the spiritual field. It also helps to acquire longevity.
From an astrological calculations point of view, whenever a child or a person has experienced and recognized Markesh Yoga, 7 Mukhi Rudraksha has shown unbelievable results.
Benefits of Wearing 7 Mukhi Rudraksha
It is known about Seven Mukhi Rudraksha that the person who wears this type of Sath Mukhi Rudraksha never gets fear of death. Many scholars also say that such a person can never die of premature death or through an accident.
These 7 Mukhi Rudrakshas have proved to be very useful in typhus or psychosis diseases or epileptic seizures with any fever.
The 7 Mukhi Rudraksha is known to be the sign of 7 mothers of the Gods. By wearing 7 Mukhi Rudraksha, Maa Lakshmi is pleased. This Rudraksha also plays a crucial role in getting an immovable property.
7 Mukhi Rudraksha Mantra
Om Hrim Kleem Gloum Hrim Stroum
7 Mukhi Rudraksha Viniyog
Asya Shri Anant Bhagwaan Rishi Gayatri Chhand, Ananto Devta Kream Bijam, Hrim Shakti: Abhisth Siddharthe Rudraksha Dhaaranarthe Jape Viniyoga
7 Mukhi Rudraksha Nyasa
Shree Anant Bhagwaan Rishiye Namah Shirish,
Gayatri Chhandse Namo Mukhe,
Anant Devtaaye Namo Hyadi
Kream Beejaay Namo Gruhe
Hrim Shaktye Namah Paadyo
7 Mukhi Rudraksha Kar Nyasa
Om Om Angusthabhyam Namaha
Om Hrim Tarjanibhyam Swahaa,
Om Kream Madhyabhyam Voshad
Om Gloum Anamikyabhyam Hum
Om Hrim Kanistha-Bhyam Voshad
Om Soutroum Kar Pusthabhyam Phat
7 Mukhi Rudraksha Ashtang Nyasa
Om-Om Hydayaay Namaha
Om Hrim Shirshe Swahaa
Om Kream Shikhaaye Voshad
Om Gloum Kawachaay Hum
Om Hrim Netra-Trayaay Voshad
Om Soutroum Astraya Phat
7 Mukhi Rudraksha Dhyan Mantra
Anant Pundarikaash Fana Shatt Vibhishitam ।
Vishwa Bandhu Karam Omkaar Kurmaa Rudham Prapujayet II
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Shiv Darshan-Abhilashi,
Nirav Hiingu
यह ७ मुखी रुद्राक्ष मूल रूप से सप्त मातृकाये का प्रतीक माना गया है और यह ७ मुखी रुद्राक्ष भौतिक दृस्टि से और आध्यात्मिक क्षेत्र से बहुत ही उपयोगी माना गया है। दीर्घायु प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग अधिकतर देखा गया है।
ज्योतिष की गणना की दृष्टि से जब जब भी किसी बालक या किसी व्यक्ति का मार्केस समय अनुभव हुआ है और उसे पहचाना गया है। तब तब आश्चर्यजनक परिणामदेखने को मिलेहैं।
७ मुखी रुद्राक्ष धारण करने के फायदे
ये भी देखने में आया है कि जो व्यक्ति इस प्रकार का ७ मुखी रुद्राक्ष धारण करता है उसकी कभी भी मृत्यू अस्त्र -शास्त्र भय व्याप्त नहीं होती।और विद्वानों का ये भी कहना है ऐसे व्यक्ति की मृत्यु अकालमृत्यु से होना बिलकुल असंभावित है।
सन्निपात या मनोक्षेप रोगो में या किसी भी प्रकार का बुखार में या मिर्गी के दौरे में यह ७ मुखी रुद्राक्ष बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुआ है ।
यह देवताओं की सब प्रकार के ७ माताओं का घोतक माना गया है और इस ७ मुखी रुद्राक्ष के धारण से विशेष रूप महालक्ष्मी की प्राप्ति होती है और अचल सम्पत्ति प्राप्त करने में यह रुद्राक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
७ मुखी रुद्राक्ष मंत्र 7 Mukhi Rudraksha Mantra
ॐ ह्रीं क्लीं ग्लौं ह्रीं स्त्रौं । इति मंत्र ।
७ मुखी रुद्राक्ष विनियोग
अस्य श्रीअनंत भगवान ऋषि । गायत्री छन्द, अनन्तो देवता क्रीं बीजं , ह्रीं शक्ति: अभीष्ट सिद्धयर्थे रुद्राक्ष धारणार्थे जपे विनियोग:॥
७ मुखी रुद्राक्ष न्यास
श्रीअनंत भगवान ऋषिये नमः शिरषि ।
गायत्री छन्दसे नमो मुखे ।
अनंत देवताये नमो हदि ।
क्रीं बीजाय नमो गुहे ।
ह्रीं शक्तये नमः पादयो: ॥
७ मुखी रुद्राक्ष करन्यास
ॐ ॐ अंगुष्ठाभ्याम नमः
ॐ ह्रीं तर्जनीभ्याम स्वाहा:।
ॐ क्रीं मध्याभ्याम वौषट।
ॐ ग्लौं अनामिकाभ्याम हुम्।
ॐ ह्रीं कनिष्ठाभ्याम वौषट।
ॐ स्त्रौं करतल कर पुष्ठाभ्यां फट।
७ मुखी रुद्राक्ष अष्टांग न्यास
ॐ ॐ हृदयाय नमः ।
ॐ ह्रीं शिरसे स्वाहा ।
ॐ क्रीं शिखाये वौषट।
ॐ ग्लौं कवचाय हूँ ।
ॐ ह्रीं नेत्रत्रयाय वौषट।
ॐ स्त्रौं अस्त्राय फट ।
७ मुखी रुद्राक्ष ध्यान मंत्रम
अनंत पुण्डरीकाक्ष फण शत विभूषितम ।
विश्व बंधू करं ओमकार कुर्मा रूढ़ं प्रपूजयेत ॥
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शिवदर्शन अभिलाषी,
नीरव हींगु
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