क्या है आकर्षण का नियम ? What is Law of Attraction in Hindi
‘आकर्षण का नियम’ एक ऐसा दर्शन है जो बताता है जो सकारात्मक विचारों से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिणाम लाते हैं, जबकि नकारात्मक विचार नकारात्मक परिणाम लाते हैं। यह इस विश्वास पर आधारित है कि हमारे विचार ऊर्जा का एक रूप हैं और सकारात्मक ऊर्जा स्वास्थ्य, पैसा, रोग और संबंधों सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता को आकर्षित करती है।
हालाँकि इस नियम के दावों के लिए वैज्ञानिक प्रमाणों का अभाव है और इसे आम तौर पर एक छद्म विज्ञान,जिसे अंग्रेजी में pseudoscience कहते हैं।
जो की इसको अभी विग्रानिक रूप नहीं दिया गया है पर कई पुस्तकों में इसका वर्णन मिलता है जैसे कि Rhonda Byrne की “The Secret ” जो विश्व प्रसिद्ध है और कई लोगों ने तो इस पर पूरा कोर्स ही बना दिया है ।
आकर्षण का नियम कहाँ इस्तेमाल किया जा सकता है ? Why used Law of Attraction in Hindi?
आकर्षण का नियम(Law of Attraction) जीवन के सभी क्षेत्रों में काम करता है जैसे आपसी सम्बन्धो में ,व्यक्ति के विकास के लिए, आध्यात्मिक विज्ञान में , करियर या नौकरी में आगे बढ़ने के लिए, व्यापार में उन्नति करने के लिए आदि। मूल रूप से किसी भी क्षेत्र में पूर्णता प्राप्त करने के लिए आकर्षण का नियम काम करता ही करता है ।
आकर्षण का नियम कहा इस्तेमाल करे ? Where to used Law of Attraction in Hindi?
आकर्षण के नियम से सभी क्षेत्रों में प्रभाव दिखता है । बस आपको अपने आप पर और इस पद्धति पर पूर्ण विश्वास – श्रद्धा होनी चाहिए – ठीक वैसे ही जैसे हमें ईश्वर पर आस्था होती है । यकीन जानिये आकर्षण का नियम ईश्वर का या यूँ कहें कि ब्रह्माण्ड के नियम का कानून है – जिसे हम कर्म के सिद्धांत कहते हैं। पुराणी कहावत है न – जैसा बीज बोओगे वैसा ही फल पाओगे । ठीक उसी प्रकार आकर्षण का नियम काम करता है – हम जैसा सोचते हैं – वैसा ही बन जाते हैं या हमारी वैसी ही परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है ।
आकर्षण का नियम कैसे काम करता है ? How does Law of Attraction work?
आपको ये समझना होगा कि आकर्षण का नियम ठीक वैसे ही काम करता है – जैसे कर्मा का सिद्धांत काम करता है। कर्म के सिद्धांत भी ३ रूपों में कार्य करते है – यथा मानसिक , शब्द और कार्य अर्थात आपके एक्शन (आप कैसे कार्य करते हैं ) इन्हीं ३ क्रियाओं पर आकर्षण का नियम या कर्म का सिद्धांत काम करता है ।
कई लोग ‘द सीक्रेट’ नाम की पुस्तक पढ़ लेते है और फिर सोचते है – हमने इतना visualization किया है पर कोई सुपरिणाम ही नहीं मिला । परिणाम पर्पटी के लिए यह जरूरी है कि आप ३ तथ्यों पर ध्यान दे –
१) विचार
२) भावना
३) कर्म
विचार – आप जैसा सोचते है वैसा ही बन जाते है – चाहे हम उसे स्वीकार करे या अस्वीकार करे । भगवान् गौतम बुद्ध भी कह गए – “जो तुम सोचोगे वही तुम बन जाओगे”। तो यह जरूरी है कि आप हमेशा सकारामक ही विचार करे चाहे आपकी परिस्थिति कितनी ही विकार क्यों न हो । अंग्रेजी में १ कहावत है – “make it still you fake it ” .
इसीलिए यह जरूर है – आप हमेशा पॉजिटिव विचार ही रखे ० चाहे वह रोग हो , जीवन के दुखी पल हो , विवाह हो , कोई सम्बंद में विछेद हो या पारिवारिक कलेश ही क्यों न हो ।
Affirmation – जितनी बार आप सकारात्मक विचार के साथ सकारात्मक शब्दावली इस्तेमाल करेंगे – उतना आपके अंतर मन जिसे अंग्रेजी के sub-conscious mind कहते है उस पर उसका प्रभाव जरूर पड़ता है । फिर आपका अन्तर मन उस विचार को स्वीकार करता है और बाहरी मन जिसे अंग्रेजी में conscious mind कहते है – उसे सुचना देता है कि उस विचार को कार्य में परिणित ( मैनिफेस्ट ) कर दे ।
भावना – आपके विचार सही हो और सकारात्मक भी हो पर यदि उस विचार में पीछे आपकी विचार पद्धति का मूल अर्थांत भावना ही नकारात्मक हो तो भी उस सकारात्मक विचार को आप साकार नहीं कर पयोगे । उदारण के लिए यदि में सकारात्मक विचार करू कि पैसा सदा मेरे पास आता है – पैसा मेरे अनुकूल है , में बहुत पैसा कमायूँगा – पर यदि मेरा अन्तर कि प्रोग्रामिंग ही पैसे के लिए नकारात्मक हो तब भी – इस विचार को आप संस्कार में साकार नहीं कर पाएंगे ।
इसीलिए जो भी विचार दोहराये – उस में एक विश्वास और पुरे पवित्र भावना के साथ जुड़कर बोले ।
कर्म – जैसा कि मैंने बताया कि आपके सकारात्मक भी हो और भावना भी सुद्ध और पवित्र हो पर यदि आप उस विचार के लिए काम हो न करो – तो उस विचार पद्धति का कोई मतलब नहीं है । अर्थांत – यदि मुझे नौकरी चाहिए तो रोज visualization में सकारात्मक विचार करूँगा और भावना ख़ुशी वाली होगी पर यदि उस के साथ मैं कार्य हो न करू – जैसे जॉब इंटरव्यू हो न दू – तो नौकरी कैसे मिलेगी ।
अधिकतर लोग केवल सकारात्मक विचार और कल्पना क्षेत्र में हो खोये रहते है पर जब कार्य में रूप में उसकी परिणति करनी होती है – तब नहीं करते और परिणाम शून्य मिलता है । फिर आकर्षण का नियम को खोकला बताते है ।
आकर्षण का नियम के लिए कुछ विशेष तथ्य Tips to Practise Law of attraction in hindi
१) अपने सकारात्मक विचार को दिन कई बार लिखो ।
२) अपने सप्न साकार करने के लिए – विज़न बोर्ड बनाये – अर्थांत – सामने दीवार पर उस वस्तु विशेष कि पोस्टर या तस्वीर लगाए जिसे आप साकार करना चाहते है ।
३) दिन ३-५ बार सकारात्मक वाणी जोर से खुद को बोले और वह भी पूर्ण विश्वास के साथ ।
४) जैसे भी परि स्थिति हो स्वीकार कर और अपने लक्ष्य कि आगे बढे ।
५) प्रकृति आपको इशारे देती है जिसे हम अंग्रेजी में hint कहते है – उन इशारो को समझो और उस अनुरूप कार्य करो ।
६) रोज एकांत में बैठकर ध्यान या प्राथना करो ।
जब आप ऊपर लिखे तथ्यों पर कार्य करेंगे तो देखेंगे कि जीवन परिस्थितिया अपने आप आपके अनुकूल होने लगेगी और नए नए रस्ते खुलते जायेंगे ।
ईश्वर से एहि प्राथना है कि – आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो – इसी आशा के साथ में आजका लेख यही समाप्त करता हु । आशा है आज का लेख आपको उपयोगी सिद्ध हुआ होगा ।
आपका अपना ,
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