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Sharad Purnima 2022: ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा वर्ष में एक मात्र ऐसा दिन होता है जब चंद्रमा सभी सोलह कलाओं के साथ निकलता है। हिंदू धर्म में, प्रत्येक मानव गुण कुछ कला से जुड़ा होता है और यह माना जाता है कि सोलह विभिन्न कलाओं के संयोजन से एक संपूर्ण मानव व्यक्तित्व का निर्माण होता है।

शरद पूर्णिमा का विशेष दिवस भारत में विभिन्न नामों से जाना जाता है और उत्सव मनाया जाता है – जैसे कौमुदी, कुमार उत्सव, रास पूर्णिमा, कोजागिरी पूर्णिमा और कमला पूर्णिमा ।

इस दिन भारतीय और श्रद्धालु चावल की खीर , गाय के दूध के साथ बना कर – शरद पूर्णिमा की रात्रि में घंटो रखकर अगले दिन उसका प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।

What is Sharad Purnima?

शरद पूर्णिमा आश्विन नवरात्रि के अंत में शुक्ल पक्ष् की १५ वीं तिथि अर्थांत पूर्णिमा पर आती है । इसी दिन चन्द्रमा अपने पूर्ण औषदीय गुणों के साथ प्रकट होते हैं । यह भी मान्यता है कि , शरद पूर्णिमा के दिन भगवती महालक्ष्मी, भगवान इंद्र और यक्षराज कुबेर जी साथ में पूरी धरती में भ्रमण करते हैं और जो भी शरद पूर्णिमा पर साधना – उपासना करते हैं- उस साधक/साधिका पर इंद्रदेव – कुबेर और महालक्ष्मी पर कृपा बरसाते हैं।

Sharad Purnima Kab Hai ? Sharad Purnima Date

Sharada Purnima on Sunday, October 9, 2022

Moonrise on Sharad Purnima Day – 05:51 PM

शरद पूर्णिमा तिथि  प्रारम्भ – 03:41 AM on Oct 09, 2022

शरद पूर्णिमा तिथि अंत  – 02:24 AM on Oct 10, 2022

Sharad Purnima in Hindi : शरद पूर्णिमा साधना के लाभ 

विद्वान और आचार्यों का मत है – इस पवित्र पर्व पर महालक्ष्मी के साथ – इंद्र और कुबेर के मंत्र जाप से उनकी पूर्ण कृपा तो प्राप्त होती ही है पर साथ साथ पुरे वर्ष – धन धन्य और समृद्धि से आपका जीवन व्यवतीत होता है ।

अंत: जिन्हे अपने जीवन – अखंड सुख , पारिवारिक शांति , अच्छा वैवारिक जीवन और महालक्ष्मी से समृद्धि चाहिए उन्हें आज के दिन अवश्य ही शरद पूर्णिमा साधना करनी चाहिए   ।

शरद पूर्णिमा साधना – Sharad Purnima Sadhana

यह साधना शरद पूर्णिमा को ही करें और इस साधना से महालक्ष्मी , इंद्र और कुबेर की कृपा प्राप्त करें। इस दिन साधक/साधिका चाहें तो पूरे दिन उपवास रखें और पूर्णिमा की रात को, पूनम के चाँद में, चावल की खीर बनाकर रखें और- अगले दिन सवेरे ग्रहण कर लें।

Sharad Purnima Sadhana Sankalp :

पहले दाहिने हाथ में पानी लेकर संकल्प लें – मैं ( अपना नाम और गोत्र/ जाति बोलें) अमुख की संतान ( अपने माता-पिता का नाम बोले) – आज शरद पूर्णिमा की दिव्य रात्रि को बह्ग्वती महालक्ष्मी , यक्षराज कुबेर और इंद्रदेव की कृपा प्राप्ति के लिए – आज शरद पूर्णिमा साधना – मंत्र करने जा रहा हूं – मुझे आशीर्वाद दें – इस कार्य में मुझे सफलता मिले ।

शरद पूर्णिमा साधना विधि – Sharad Poornima Sadhana

१) गणेश गुरु वंदन – माला और आसान मंत्र करे ।

2) गणेश मंत्र : ॐ गं गणपतये नमः ॥ १ माला 

गुरु मंत्र : ॐ नमः शिवाय ॥ १ माला 

३) अब चंद्रदेव का जाप करे – ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रमसे नमः ।।
या
ॐ क्षीर पुत्राय विदमहे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चंद्र: प्रचोदयात ॐ नमो नमः ।। 


३) अब नारायण और लक्ष्मी माँ का मंत्र जाप करे – जो भी मंत्र आपको आता हो और जितना भी हो सके करे ।


४) कुछ समाज न आये तो – श्रीं श्रियै नमः ।।  इस मंत्र का जाप करे ।

५) अब यक्षराज कुबेर का ध्यान करे – धनाधक्ष्याय देवाय नर यानो पवेशिने – नमस्ते राजराजाय कुबेराय महात्मने ।।


६) अब कुबेर मंत्र करे १ माला – ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ 


७) अब इन्द्र का ध्यान करें- ऐरावत समारुढो व्रज हस्तो महाबल:। शत यज्ञा भिधो देवस्त स्मरादि इन्द्राय ते नमः ।।


८) अब इन्द्र का मंत्र जाप करें- ॐ इन्द्राय नमः ।।

आशा करता हूं – मेरे इस छोटे से प्रयास से आपके जीवन में भगवती महालक्ष्मी , भगवान इंद्र और यक्षराज कुबेर जी का आशीर्वाद प्राप्त हो ।

Sharad Purnima Wishes

आपका अपना,

नीरव हिंगु