In my last blog on Rudraksha, I have discussed the procedure of wearing 2 Mukhi Rudraksha and briefed about Rudraksha. In this blog, I will throw some light on 3-Mukhi Rudraksha.
This Rudraksha is considered as per the Scripture as Agni Swaroopa means it contains the Fire Element that helps the sadhaka to get rid of negative vibes in his life.
Hence, 3 Mukhi Rudraksha is also known as Traya-Agni as it is the reflection of 3 different types of Fire formation. In Hindu text, like in Yog, it is said there are 5 elements and 5 different types of Prana( although Prana or Prana Shakti is one single entity, it is split further into 5 formations for its different work modules and qualities).
They are:
1) Prana
2) Apaan
3) Vyaan
4) Udaan
5) Samaan
It is mentioned in the ancient text that wearing 3 Mukhi Rudraksha helps to get rid of acute diseases such as fever, Lethargy, Low Immunity etc.
In Hepatitis and such Liver ailment, the usage of this 3 Mukhi Rudraksha known to be the Nectar on Earth.
Also, 3 Mukhi rudraksha is highly effective in eye ailments, as per the ancient scholars. One has to grind 3 Mukhi Rudraksha in pure milk and give it to the patient to drink.
It helps in erasing acute eye diseases though honestly, I have not tested on any patient.
3 Mukhi Rudraksha Benefits
1. By wearing the 3 Mukhi Rudraksha, one gets highly energised and remains active throughout the day. Shiva Devotees should wear 3 Mukhi Rudraksha, especially for those who indulge in the mantra- tantra-sadhana as She/he will not feel lethargic and low in energy.
- It is said that if someone who does not get a job or is unable to crack any interview, must wear 3 Mukhi Rudraksha to be successful.
3.Those in the business world can also wear this auspicious 3 Mukhi rudraksha to improve their business earnings, provided they wear the original 3 Mukhi rudraksha.
4. These 3 Mukhi Rudraksha work best in all basic ailments.
5. Wearing 3 Mukhi Rudraksha helps in any type of accomplishment or success achievement, and removing any obstacles. Make sure that you use these 3 Mukhi rudrakshas.
6. If you use it with bad intention, it will not harm the person in front – but this 3 Mukhi Rudraksha will harm the person who has worn this 3 Mukhi rudraksha. That’s why it is advisable to use Rudraksha carefully only in ethical works.
7.The scriptures say that, by wearing these 3 Mukhi Rudraksha, the sin of killing a woman gets destroyed.
On a personal level, I don’t believe that mere wearing rudraksha will destroy the bad karmas of any individual because whoever it may be in this world, whether Saint or ordinary materialistic person, has to suffer from pain and pleasure based on his/her individual karmas.
8. Due to this 3 Mukhi Rudraksha being said to be the form of fire element – it removes all kinds of obstacles. But there is a condition that – these 3 Mukhi Rudraksha – should be Original Rudraksha. Nowadays, there is a fake Rudraksha available in the market that is made of plastic.
By marketing gimmicks, the shopkeeper drives the innocent, good customer and the general public – a faithful person – and sells their fake Rudraksha to people.
Let us now present the method of wearing this 3-faced Rudraksha.
3 Mukhi Rudraksha Mantra
Om Rum Eim Hreem Hum Om
Viniyog – Asya Shree Agni Mantrashya Vashith Gayatri Chand Agni Devta Heerim Beejam Hum Shakti ChaturVarga Siddharthe Rudraksha Dhaaranarthe Jape Viniyog
Nyasa –
Vashith Rishiye Namah Shirish,
Gayatri Chandse Namo Mukhe,
Agni Devtaaye Namo Hyadi
Heerihm Beejaay Namo Gruhe
Houm Shaktye Namah Paadyo
Kar Nyasa
Om Om Angusthabhyam Namaha
Om Rum Tarjanibhyam Swahaa,
Om Eim Madhyabhyam Voshad
Om Hrim Anamikyabhyam Hum
Om Houm Kanistha-Bhyam Voshad
Om Om Kar Tal Kar pusthabhyam Phat Iti Kar Nyasa
Ashtang Nyasa
Om-Om Hydayaay Namaha
Om Rum Shirshe Swahaa
Om Eim Shikhaaye Voshad
Om Hrim Kawachaay Hum
Om Houm Netra-Trayaay Voshad
Om-Om Astraya Phat
Dhyan Mantra
Astha Shakti Swasthi Kamaati Mucche , Dirgha bhi Dharayanth Japaa Mama । HemaKalpam Padma Sansthaam Trinetram । Dhaarayet Brahma Badha Mouli Jatabhi ।।
Let me know, how did you find this blog on 3 Mukhi Rudraksha?
Shiva-darshan Abhilashi,
Nirav Hiingu
3 Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi
रुद्राक्ष पर अपने पिछले ब्लॉग में, मैंने दो मुखी रुद्राक्ष पहनने की प्रक्रिया पर चर्चा की है और रुद्राक्ष के बारे में जानकारी दी है। इस ब्लॉग में, मैं तीन मुखी रुद्राक्ष पर कुछ प्रकाश डालूँगा।
यह रुद्राक्ष अग्नि स्वरुप मन गया है । ३ मुखी रुद्राक्ष को त्रिमुखी रुद्राक्ष भी कहते है । यह त्रयाग्नि का प्रतिरूप है । शास्त्र कहते है , इसे धारण करने से किसी भी प्रकार की छोटी बीमारी नहीं होती यथा – सर्दी खासी बुखार , कमजोरी आदि ।
कहते है कि पीलिया रोग में तो ३ मुखी रुद्राक्ष एक रामबाण इलाज है । शास्त्र कहता है कि , दूध में गीष्कार यदि दर्दी /रोगी को पिलाया जाय तो आँखों में जाला काट जाता है । वैसे नेत्र रोग में लिए शास्त्र में नेत्रोपनिषद में विस्तार से रोग निवारण विधि बताई गयी है । आप मेरा १५ दिसंबर २०१९ में लिखा हुआ ब्लॉग पढ़ सकते है
ब्लॉग -नेत्रोपनिषद –
3 मुखी रुद्राक्ष के धारण करने के फायदे
१) ३ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति हमेशा क्रिया शील रहता है और सुस्ती – कमजोरी उसके आस पास नहीं भटकती ।
२) किसी कि नौकरी नहीं लग रही हो तो ऐसे स्थिति में – साधक को चाहिए – मंत्र प्राण प्रतिष्ठा युक्त ३ मुखी रुद्राक्ष धारण करे – इससे नौकरी लगने में आसानी होती है और यदि साधक व्यापार में वृद्धि चाहता है तो भी – इस ३ मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकता है ।
३) किसी भी प्रकार कि छोटी मोती बिमारी में यह ३ मुखी रुद्राक्ष एक अक्शीर अर्थांत – कामयाब इलाज मन गया है ।
४) ३ मुखी रुद्राक्ष धारण से किसी भी प्रकार कि कार्य सिद्धि संभव होता है – कार्य सिद्धि – अर्थांत – किसी भी प्रकार का कार्य जो किसी कारन रुख गया हो – लेकिन यह निश्चित जानिए – आप इस रुद्राक्ष से किसी अहित करने का विचार करने कि दृस्टि से प्रयोग करेंगे तो सामने वाले का नहीं – अपितु यह ३ मुखी रुद्राक्ष उसी ( धारक ) व्यक्ति का अहित (नुकशान) करेगा – इसीलिए संभल कर धारण , रुद्राक्ष का उपयोग केवल नीतियुक्त कार्यो में करे ।
५) शास्त्रकार कहते है कि , इस ३ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से साधक या व्यक्ति का स्त्री हत्या का दोष नष्ट हो जाता है ।
६) यह ३ मुखी रुद्राक्ष को अग्नि स्वरुप होने में कारन – सभी प्रकार में रुकावटों को समाप्तः ही कर देता है पर यह शर्त है कि – यह ३ मुखी रुद्राक्ष – बिलकुल असली रुद्राक्ष हो – आज कल बाजार में नकली रुद्राक्ष जो प्लास्टिक का बना हुआ रहता है – उसे असली बोलके दुकानदार भोले भले ग्राहक और आम जनता – श्रद्धावान इंसान को चलित करते है ।
आईये हम अब इस देव दुलभ ३ मुखी रुद्राख कि धारण विधि प्रस्तुत करते है ।
3 मुखी रुद्राक्ष मंत्र
ॐ रं इं ह्रीं हूँ ॐ
विनियोग
अस्य अग्नि मन्त्रशय वशिष्ठ ऋषि गायत्री चंद, अग्नि देवता ह्रीं बीजं , हूँ शक्ति: चतुर वर्ग सिद्धयर्थे रुद्राक्ष धारणार्थे जपे विनियोग: ॥
न्यास
वशिष्ठ ऋषिये नमः शिरषि , गायत्री छन्दसे नमो मुखे, अग्नि देवताये नमो हदि । ह्रीं बीजाय नमो गुहे , हूँ शक्तये नमः पादयो: ॥
करन्यास
ॐ ॐ अंगुष्ठाभ्याम नमः
ॐ रं तर्जनीभ्याम स्वाहा:।
ॐ इं मध्याभ्याम वौषट।
ॐ ह्रीं अनामिकाभ्याम हुम्।
ॐ हूँ कनिष्ठाभ्याम वौषट।
ॐ ॐ करतल कर पुष्ठाभ्यां फट।
अष्टांग न्यास
ॐ ॐ हृदयाय नमः ।
ॐ रं शिरसे स्वाहा ।
ॐ इं शिखाये वौषट।
ॐ ह्रीं कवचाय हूँ ।
ॐ हूँ नेत्रत्रयाय वौषट।
ॐ ॐ अस्त्राय फट ।
ध्यान मंत्रम
अष्ट शक्ति स्वस्ति कामाति मुचे । दीर्घरेभी धारयन्त जपा मम । हेमाकल्पम पद्मा संस्थं त्रिनेत्रम। ध्यायेत ब्रह्मा बद्ध मौली जटाभी : ॥
आज का यह लेख – 3 मुखी रुद्राक्ष आपको कैसा लगा ?
शिवदर्शन अभिलाषी,
नीरव हींगु
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