Karz Mukti Mangal Mantra : Many times, we attract positive and negative events in our life which disturbance our both professional and personal zone.
Human life always tracks success in a slide. We work hard at a mental, emotional and physical level to achieve our goals be it, the personal relationship, job, business or attaining happiness or fulfilling his desire.
Even after lots of hardships and dedication, we are unable to attain the desired result. We become very pessimistic and start thinking that failure and success depend only on luck or Fortune. Then many people start running after – Numerologists, Astrologers, Vastu Shastra Consultants, Business Coaches to change your destiny.
In Sanatan Hindu Dharma, there is an ancient science in occultism which assists the human to elevate from sorrow and grief and clear his/her path to success. Among all those occult sciences, Numerology, Handwriting Science, Vastu Shastra, Face Reading, Astrology and Tarot Card are a few famous modalities.
In today’s article, we will discuss the Mangal Mantra Prayog which will help you to get rids out of Debt and Financial Crunches.
The below mentioned Mangal Mantra Sadhana has been derived from the ‘Shabar Mantra Prayog Book’ which I have tried and tested on many of my clients and relatives and I achieved stunning results in their financial conditions.
Rin Mukti Mangal Mantra Sadhana
This Mangal Mantra Sadhana is Pure Satvik but Tantrok Swaroop which gives faster results to the sadhak/jataka. One can perform this sadhana of its own OR in case the person is unable to perform the sadhana then appoint the Brahmin/priest who is pious in his word and actions.
This Sadhana can be started from any lunar side.
But before starting this mantra sadhana it is compulsory to adhere to the strict rules and regulations of the sadhana world.
Rules for Mangal Mantra Sadhana
1) Live a pure Satvik life.
2) During the Sadhana period, the Sadhak or Jatak should observe complete celibacy.
3) Eat pure satvik food during cultivation time.
4) If possible, make a meal with your own hands and take food here.
5) This Mangal Mantra practice can be done only at night.
6) Wear a red robe and sit on a red seat during cultivation time.
7) The seeker/person should do spiritual practice by keeping their face towards the north.
4) Conduct true words with mind and deeds throughout the cultivation period – that is, do not lie in cultivation time.
7) You have to perform Mangal Mantra practice every Tuesday night after 10:00 pm.
10) The seeker needs to do this Mantra Mantra practice on 9 Tuesday.
11) After meditation, the seeker should provide food to a fellow Brahmin.
12) In the absence of a Brahmin, offer food to 3 or 5 girls who are under 10 years old.
Mangal Mantra Sadhana Vidhan
First of all (speak with water in your hand), then do meditation and chanting etc.
Sankalp Mantra – Shri Ganeshay Namah. ॐAshya Sri Mangal Stotra Mantrasya Virupaksha Rishi Anushtupachhanda: Runaharta Skando Deity Dhanapadro Mangalodhidevata Bijam Shakti Lan Keelakam Sambhistha Siddhartha Jaya Appropriation:॥
Dhyan Mantra – Rakamalyavar Dharo Shakti: Shul Gadadhar: Quadrilateral Taurus Gum Varada Shach Dharsut: De Hohi Bhagavan Bhaum: Kaal Kant Har Prabho. Tvayi Sarvamidam Protam Trilokyam Sachracharan॥
Mangal Mantra – Om Kram Krim Kroum Saha Mangalaya Namah.
Namani – Mangal Bhoomiputra Cha Runj=harta Dhanprada, Sthirasanano Mahakayaay Sarva Karmavarodhak Lohito Lohitasksh Shacha Saam Gaa Naam krupakar , Dharamja Kunjo Bhumo Bhumi Do Bhumi Nandan , Angaarrako Yam Cha Cheva Sarva Rogaa Paharava – vruthi Kataap Harta Cha Sarva Kaam Faala Prada
Make a Yantra on Bhojpatra or the Copper Plate, put it in a copper vessel, worship it with red sandalwood and red Kaner flowers.
Now recite the following 21 mangal mantra by putting the mantra in the middle written below.
Mantra – Om Kram Krim Kroum Saha Mangalaya Namah Om Kram Krim Kroum
Note – 21 names of Mars are different as follows –
- Mangalaay
- Dhan Pradaay
- Sarva Karma Varodhaay
- Bhumi Putraay
- Sthirasanaay
- Lohitaay
- Rinhatre
- Mahakaayaay
- Lohitaakashyay
- SaamGaan Krupa Karaay
- Dharmajaya
- Kujaay
- Bhomaay
- Bhootadaay
- Bhumi-Nandaay
- Angaar Kaay
- Yamaam
- Sarva Rogaa Paharkaay
- Vruti Katre
- Aapadtre
- Sarva Kaam Fal Pradaay
Now chant 21 names, 21 times by putting the word Namah at the end of each name mentioned above and putting the seed mantra etc. at the end.
Now draw three lines from Kher’s Teakwood from (left to right) and with the left leg by reciting the mantra written below them.
Mantra – “Dukha Durbhagya Naashaay Dhan Santaan Hetave , Vrat Rekhadi Yam Vaam Paada Talenooth”
Now chant 1 or 5 mala mantras of the below mantra (Mangal Gayatri Mantra).
Mangal Gayatri Mantra – Om Angkaray Vidmahe Shakti: Hastaye Dheemhi Tano Bhom: Prachodayant
Now read the dhyan mangal mantra –
Asrujam Runam Rakta Mallyang Rangam Kanam Kanam Mala Salinam Vishwabandhu. Reversed Karabhya Vibratham Shakti: Shule, Bhajati Dharani Sunum Mangalam Mangala Naaam
Now chant the below-written mantra once and conclude with the forgiveness mantra.
Ardhyaa Mantra – Bhumi Putra Mahatejastado Bhava Pinakin Dhanarthi Tvaprapanno Sminn Grihanadharyam Namostutte॥
The mantra of Forgiveness: Shama Prathana Mantra
Aavahanam na jaanami nor jaanami visarjanam. Poojaan Chaiv na Jaanamish Ksamva Parmeshwar
Mantraheen Kriyheenam Bhaktihinam Janardan. Yatpujitam Maya Devi Paripoorna Dadasthu Me
In this way, our Mangal Mantra Sadhana is complete.
I hope you will find a solution to your problem in this article.
Your Occult Coach,
Nirav Hiingu
Digital Numerologist
हमारे जीवन में कई बार ऐसे प्रश्न उत्पन्न हो जाते हैं जिसका निवारण नहीं मिल पाता जैसे कि पति पत्नी में झगड़े, विवाह में बाधा उत्पन्न होना और व्यापार में कर्ज होना ,प्रतिदिन व्यापार में नुकसान होना इत्यादि ।
इस संदर्भ में ज्योतिष और विद्वानों का यह मत हैं कि जातक चाहे तो अपने जीवन में सुधार ला सकता है और अपने जीवन में अनुकूलता प्राप्त कर सकता है ।
सनातन धर्म के अंतर्गत ऐसे कई शास्त्रों का वर्णन है जिसके द्वारा हम अपने जीवन में इन समस्याओं का निवारण कर सकते हैं जैसे कि वास्तु शास्त्र, ज्योतिष शास्त्र, मुखाकृति विज्ञान, अंक ज्योतिष, फलित ज्योतिष, इत्यादि ।
आज हम मंगल देवता और मंगल ग्रह से संबंधित शुद्ध सात्विक तांत्रिक प्रयोग का विवरण करेंगे जिसके द्वारा सामान्य व्यक्ति भी अपने जीवन में अपने व्यापार में या व्यक्तिगत जीवन में – ऋण (अर्थात कर्ज से मुक्ति मिल सकती है ) से मुक्त हो सकता है ।
आप चाहें तो यह मंगल ग्रह का प्रयोग स्वयं भी कर सकते हैं या किसी विद्वान सात्विक ब्राह्मण से भी संपन्न करवा सकते हैं ।
मंगल मंत्र साधना किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की या कृष्ण पक्ष की मंगलवार से प्रारंभ कर सकते हैं ।
इस मंगल मंत्र साधना करने के लिए नीचे लिखे नियमों का पालन करना आवश्यक है ।
मंगल मंत्र साधना के नियम –
१) शुद्ध सात्विक जीवन व्यतीत करें ।
२) साधना काल में साधक या जातक पूर्ण ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें।
३) साधना काल में शुद्ध सात्विक भोजन ग्रहण करें ।
४) यदि संभव हो तो व्यक्ति अपने हाथों से ही भोजन बनाकर ग्रहण करें या किसी सात्विक व्यक्ति से भोजन बनवाएँ ।
५) यह मंगल मंत्र साधना केवल रात्रि को ही संपन्न हो सकती है ।
६) साधना काल में लाल वस्त्र वस्त्र धारण करें और लाल आसन पर बैठें।
७) साधक/ जातक अपना मुंह उत्तर दिशा की तरफ रखकर साधना संपन्न करें ।
८) पूरी साधना काल में मन वचन और कर्म से सत्य वचन का आचरण करें- अर्थात साधना काल में झूठ ना बोलें ।
९) मंगल मंत्र साधना आपको प्रत्येक मंगलवार की रात्रि को 10:00 बजे के बाद संपन्न करना है ।
१०) साधक को यह मंगल मंत्र साधना 9 मंगलवार को करना है ।
११) साधना के बाद साधक को चाहिए कि वह किसी सात्विक ब्राह्मण को भोजन करायें।
१२) ब्राह्मण के अभाव में 3 या 5 कुमारी कन्याओं को भोजन करा सकते हैं ।
मंगल मंत्र साधना विधान
सर्व प्रथम ( हाथ में पानी लेकर बोले ) , फिर ध्यान पूजन जाप आदि करें ।
संकल्प – श्री गणेशाय नमः । ॐ अश्य श्री मंगल स्तोत्र मन्त्रशय विरुपाक्ष ऋषि अनुष्टुप्छन्दःऋणहर्ता स्कन्दो देवता धनप्रदो मँगालोधीदेवता मं बीजं गं शक्तिं लं कीलकम समाभिस्थ सिद्ध्यर्थे जपे विनियोग: ॥
ध्यान मंत्र – रकामाल्यावर धरो शक्तिः शूल गदाधर: चतुर्भुजों वृष गमो वरद शच धरसुत: दे होही भगवन भौम: काल कांत हर प्रभो । त्वयि सर्वमिदं प्रोतंम त्रैलोक्यं सचराचरं ॥
मंगल मंत्र – ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: मंगलाय नम: ।।
नामानि – मंगलो भूमिपुत्र च ऋणहर्ता धनप्रद: स्थिरासनो महाकाय : सर्व कर्मावरोधक : ॥ लोहितो लोहिताक्ष शच साम गानाम कृपाकर । धरात्मज कुजो भौमो भूतिदो भूमि नंदन : ॥ अङ्गारको यम च चैव सर्व रोगा पहारक: । वृष्टि कताप हर्ता च सर्व काम फलप्रदा : ॥
ताम्र पत्र के ऊपर मंगल का यन्त्र या भोजपत्र पर बना कर , ताम्र पात्र में रखें , उसका केला लाल चन्दन और लाल कनेर के फूलों से पूजन करें।
अब मंगल मंत्र का नीचे लिखे मंत्र का पुट लगाकर करें ।
मंत्र – ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: मंगलाय नम: । ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: ॥
नोट – मंगल के २१ नाम अलग – अलग इस प्रकार हैं –
१) मंगलाय
२) धन प्रदाय
३) सर्व कर्मा वरोधाय
४) भूमि पुत्राय
५) स्थिरासनाय
६) लोहिताय
७) ऋणहत्रे
८) महाकायाय
९) लोहिताक्षाय
१०) सामगान कृपा कराय
११) धराज्माय
१२) कुजाय
१३) भौमाय
१४) भूतदाय
१५) भूमिनंदाय
१६) अंगार काय
१७) यमाम
१८) सर्व रोगा पहारकाय
१९) वृष्टि कत्रे
२०) आपद्धत्रे
२१) सर्व काम फल प्रदाय
अब ऊपर लिखे सारे नामों के अंत में नमः शब्द लगाकर और बीज मंत्र को आदि अंत में लगाकर २१ नामो को २१ बार जपें ।
अब खेर की लकड़ी (जिससे चूना बनता है) से बाई (left) ओर से तीन रेखा खींचकर उन्हें नीचे लिखे मंत्र पढ़कर बाएँ ( left leg ) पाँव से मिटा दें ।
मंत्र – ” दुःख दुर्भाग्य नाशाय धन संतान हेतवे: । व्रत रेखादि यं वाये में वाम पाद तलेनुत: ॥”
अब नीचे दिए मंत्र (मंगल गायत्री मंत्र) की १ या ५ माला मंत्र जाप करें।
मंगल गायत्री मंत्र – ॐ अंगकाराय विद्महे शक्तिः हस्ताय धीमहि तनो भोम: प्रचोदयन्त ॥
अब ध्यान मंत्र पढ़ें –
असृजम रूणम रक्त माल्यांग रांगम कनम कनम माला सालिनम विश्वबंधु । प्रतिलालित कराभ्या विभ्रतम शक्तिः शूले ,
भजति धरणी सुनुम मंगलम मंगला नाम ॥
अब नीचे लिखे मंत्र का १ बार उच्चारण करके क्षमा मंत्र के साथ समापन करें ।
अधर्य मंत्र – भूमि पुत्र महातेजस्तदो भव पिनाकिन धनार्थी त्वाप्रपन्नो स्मिन्न गृहाणाधर्यम नमोस्तुते ॥
क्षमा का मंत्र :
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥
मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन। यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे॥
इस प्रकार हमारी मंगल मंत्र साधना संपन्न हो जाती है ।
आशा रखता हूँ कि इस लेख के अंतर्गत आपको अपनी समस्या का समाधान प्राप्त होगा ।
आपका हितैषी,
नीरव हींगु,
डिजिटल नुमेरोलॉजिस्ट
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