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Paisa Vasool Karne ke 3 Aasan Tarike डूबा पैसा वापस प्राप्त करने के 3 प्रभावी प्रयोग

परिचय:

कभी-कभी, व्यवसाय में, हमें ऐसे Client का सामना करना पड़ता है जो हमारे द्वारा दी गई सेवाओं का भुगतान नहीं करते हैं। यह न केवल आर्थिक रूप से हानिकारक होता है, बल्कि मानसिक तनाव भी पैदा कर सकता है। लेकिन चिंता मत कीजिए! आज हम तीन प्रभावी और आजमाए हुए तरीकों के बारे में बात करेंगे जिनसे आप अपने बकाया पैसे वापस पा सकते हैं।

यह ३ पद्धति मुझे लगा लग लोगो से मिली है और हर paisa vasool ki पद्धति से मुझे या मेरे मित्र और Clients  को सफलता मिली है  । पहले paisa vasool ki पद्धति मेरे वास्तु गुरु श्रीमान डॉ.राजेंद्र जैन जी से प्राप्त है । दूसरी paisa vasool ki पद्धति मुझे मेरे वास्तु के मित्र श्री प्रसाद कुलकर्णी से प्राप्त हुई है और तीसरी paisa vasool ki पद्धति मुझे मेरे हीलर दोस्त श्री सुशांत पांडेय द्वारा प्राप्त हुई है ।

इन ३ तीनो paisa vasool ki पद्धति में जो भी आपको रूचि लगे और सुविधा जनक हो वह पद्धति अपना ले और मुझे पूरा विश्वास है मेरे मित्रगण और पाठकगण इसका लाभ उठाएंगे ।

Paisa Vasool

Paisa-Vasooli Karne ke 3 Asaan-Tarikee


Paisa Vasool Karne ke  प्रयोग १ 

यह क्रिया सूर्य स्वर – सगुण में ही करें। वार – यह प्रयोग केवल अमास” या “अमावस्या” को ही करे ।

सामग्री : एक काला कागज जिसकी साइज : ५” X ५” की हो ऐसा कागज होना चाहिए , काली श्याही वाली कलम, कड़वा तेल (पिली सरसो या नीम का तेल), मिटटी का दिया ( जिससे काला रंग में रंग देना है ) और रुई ( जिससे काला रंग में रंग देना है ) ।

विधान : 

१) काले काकज (Paper) पर Black Pen से सगुण में सूर्य स्वर /दाहिना स्वर में (South East कोने अर्थांत अग्नि कोण में बैठे) उस इंसान का नाम लिखें जो आपके पैसे लेकर भाग गया है। 

२) अब काली बांती (काजल से युक्त) बनाये ।

३) अब उस कागज जिसमे नाम लिखा है – उसे उस काले दीपक में डूबा दे -और उस मिटटी के दिए में अब कड़वा तेल डाल कर , आप सगुण ( गहरी स्वास लेना और उसी स्वास को रोखना ही सगुन स्वर कहलाता है ) में जलाये (सूर्य स्वर में ) ।

Note : यदि साउथ- ईस्ट जोन – अर्थांत अग्नि कोने पर बैठने की सुविधा न हो – तब आप अपने घर या दफ्तर के मुख्य द्वार के सामने ( अंडर की तरफ ) बैठकर – यह क्रिया संपन्न करे ।

मेरा पैसा वापस आएगा या नहीं – कैसे पता चलेगा ?

१) यदि दीपक लम्बे समय तक जले तो समझे पैसा जरूर वापस आयेगा। 

२) यदि थोड़ी देर में बुज झाय तो समझे पैसा वापस नहीं आयेगा।

कब तक यह क्रिया करे ?

यह क्रिया पुरे विश्वास के साथ हर अमावस्या को करे और तब तक करते रहे जब तक आपको आपका पैसा वापस न मिले।

Paisa Vasool

Paisa-Vasooli Karne ke 3 Asaan-Tarikee

Paisa Vasool Karne ke  प्रयोग २ 

यह क्रिया सूर्य स्वर – सगुण में ही करें। ( अर्थांत जब आपका दाहिना स्वर चल रहा हो ) और यह प्रयोग कभी भी कर सकते है ।

सामग्री : हरा रंग की श्याही की कलम , सफ़ेद कागज 

विधान : 

१) किसी भी शुभ दिन, पीपल के पेड़ के पास जाय और एक सफ़ेद कागज जिसकी साइज : ५” X ५” की हो ऐसा कागज लेकर पेड़ के पास – खड़े होकर या ज़मीन पर आसान लगाकर – आसान पर बैठकर क्रिया करे  । 

नोट : आसन किसी भी रंग का ले सकते है ।

२) अब उस कागज पर हरे रंग की श्याही वाली कलम से उस व्यक्ति का नाम लिखे ( जो पैसा नहीं दे रहा हो ) और अब बिना कलम उठाने पेन/कलम से ही नाम के ऊपर ७ बार circle ( जलेबी के आकर की तरह ) unbreakable form में बनाये ।

३) कलम से वर्तुल आकर बनाते हुए ११ या २१ या १०८ बार श्री कृष्ण मंत्र का जाप करे – ” ॐ क्रीम कृष्णाय नमः॥”

४) मंत्र  जाप के बाद – भगवान श्री कृष्ण से प्राथना करे कि , आपके पैसा सही सलामत वापस आ जाय ।

५) अब उस कागज को पीपल के पेड़ के नीचे गाढ़ दे । पेन को अपनी जेब में रख सकते है और अपने घर या दफ्तर के लिए निकल जाय , पीछे मुड़कर नहीं देखे ।

paisa vasool

Paisa-Vasool-Kare

Paisa Vasool Karne ke प्रयोग ३


यह क्रिया सूर्य स्वर – सगुण में ही करें। ( अर्थांत जब आपका दाहिना स्वर चल रहा हो ) और यह प्रयोग कभी भी कर सकते है ।

सामग्री : हरा रंग की श्याही की कलम , भोजपत्र जिसका साइज  ५” X ५” की हो ।

वार और समय : शनिवार हो और किसी भी समय कर सकते है ।

विधान : 

१) किसी भी शनिवार के दिन, भीमसेनी कपूर लेकर उसका काजल बना ले ।

२) अब घर या ऑफिस में पूर्व या उत्तर कि और मुख करके आसन पर बैठे और भोजपत्र पर अनार कि कलम की कलम ( अनार की कलम नहीं हो तो अपने दाहिने हाथ कि अनामिका ऊँगली से लिखे ) से उस इंसान का नाम लिखे जिससे आपको पैसा लेना है ।

३) अब अगले दिन – अर्थांत रविवार को किसी भी समय उस भोजपत्र को जलाकर – उसकी राख को चौराहे पर फेक दे । और अपने घर/ऑफिस आ जाय – पीछे मुड़कर नहीं देखे ।

आज के इस छोटे से लेख से आशा है मेरे पाठकगण अवश्य ही लाभ उठाएंगे इसी आशा से अपनी कलम को पूर्वविराम देता हु ।

सोऽहं ,
नीरव हिंगु